इसकी वजह है आरपी सिंह का प्रियंका के भावी निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली का होना।
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लेखक ने ये भी सुन रखा है कि प्रदेश के एक मंत्री जो पिछले लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से उम्मीदवार बनने वाले थे, उन्होंने अपने भावी निर्वाचन का खर्चा संभालने के लिए सिर्फ हरिद्वार जिले के शराब ठेकों से 6 करोड़ रुपये वसूल किए थे।
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उत्तरदायी शासन का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने के लिए शिक्षित वर्ग को बढ़ाने के लिए या भावी निर्वाचन मण्डल की नींव डालने के लिए, उनको नियन्त्रित करने के लिए तो कोई प्रयत्न नहीं किया, फिर भी इस अधिनियम ने जान-बूझकर निर्वाचन के विचार से छेड़खानी करने का प्रयत्न किया।